कैसे ठाकुर जी ने राधा जी की से जुडी सब चीजों का मान बढाया है. बिंदु जी महाराज द्वारा लिखा गया है, और विनोद अग्रवाल जी ने गाया है "सुर रखवारी" (बांके बोलो तो सही ) में :
यह कीर्ति सुता हैं या की कीर्ति पसार वे को
किर्तिविहीन हु की कीर्ति बढ़ावे हैं
यह गोप की सुता है, या के गोप कुल मान राखी,
'बिंदु' ग्वाल बालन की झूठन हु खावे हैं
राधिका के शब्द में है, आदि शब्द राधी
या ते श्याम अपराधी, कंठ से लगावे हैं
राधा राधा राधा, राधा राधा राधा
यह कीर्ति सुता हैं या की कीर्ति पसार वे को
किर्तिविहीन हु की कीर्ति बढ़ावे हैं
यह गोप की सुता है, या के गोप कुल मान राखी,
'बिंदु' ग्वाल बालन की झूठन हु खावे हैं
राधिका के शब्द में है, आदि शब्द राधी
या ते श्याम अपराधी, कंठ से लगावे हैं
राधा राधा राधा, राधा राधा राधा
Kitna sundar .
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