Wednesday, January 26, 2011

Motivational from Gopal das Neeraj

Though this is not exactly devotional, but I found quite motivational to think about in times of adversity.

छुप छुप अंश्रु बहाने वालो, मोती व्यर्थ लुटाने वालों
कुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है

सपना क्या है, नयन सेज पर सोया हुआ आँख का पानी
बह जाना उसका यूँ की जागे कच्ची नींद जवानी
कच्ची उम्र बनाने वालो, डूबे बिना नहाने वालो
कुछ पानी के बह जाने से, सावन नहीं मरा करता है
- गोपाल दस नीरज

Tum meri laaj rakho | Surdas | Jagjit Singh

This bhajan is written by Surdas ji. I have a recording sung by Jagjit Singh.

तुम मोरी राखो लाज हरि

तुम जानत सब अन्तर्यामी , करनी कछु ना करी
तुम मोरी राखो लाज हरि

औगुन मोसे बिसरत नाही, पल छिन घरी घरी
तुम मोरी राखो लाज हरि

दारा सुत धन मोह लिए हो, सुध बुध सब बिसरी
तुम मोरी राखो लाज हरि

 सूर पतित को बेग उबारो, अब मेरी नाव तरी (?)
तुम मेरी राखो लाज हरि

Door nagari: sung by Shri Mridul Krishna Shastriji written by Meerabai

यह मीरा बाई का लिखा हुआ भजन है. 

दूर नगरी बड़ी दूर नगरी
कैसे आऊं मैं कन्हाई, तोरी गोकुल नगरी
दूर नगरी बड़ी दूर नगरी

रात को आऊं कान्हा डर मोहि लागे
दिन को आऊं तो देखे सारी नगरी
दूर नगरी बड़ी दूर नगरी

सखी संग आऊं कान्हा शर्म मोहे लागे
अकेली आऊं तो भूल जाऊ  डगरी
दूर नगरी बड़ी दूर नगरी

 धीरे धीरे चलूँ  तो कमर मोरी लचके
 झटपट चलूँ तो छलकाए गगरी
दूर नगरी बड़ी दूर नगरी

मीरा काहे प्रभु गिरिधर नागर
तुमरे दरस बिन मैं तो हो गयी बावरी
दूर नगरी बड़ी दूर नगरी