This is a bhajan sung by Shri Baldev Krishna Sehgal जी:
लाडली अपने चरणों में रख लो मुझे
इस पतित का भी उधर हो जाये गा
तेरे दर की गुलामी मेरी आरजू संवरे का भी दीदार हो जाये गा....
लाडली...........
तेरी करुना पे मुझ को बड़ा नाज़ है ......इक नज़र से बेडा पार हो जायेगा ........
श्री राधे करुना मई कहाती है......शरण आये को उर लगाती है
जिसका कोई नहीं ज़माने में.....अपना कह कर उसे बुलाती है....
मेरी श्यमा करुना मई कहाती है..........
करती दोषों को क्षमा ....रखे निज हाथ थमा ......
किरपा दृष्टि की निधि बहती है.......मेरी श्यमा करुना मई कहाती है..........
जिसको ठोकर लगी हो दर दर से .......उसे निज गोद में बिठाती है.....
श्यमा राधे करुना मई कहाती है.
तेरी करुना पे मुझ को बड़ा नाज़ है..... इक नजर से बेडा पार हो जाये गा
स्वामिनी अपने चरणों में रख लो मुझे इस पतित का भी उधर हो जाये गा....................
लाडली अपने चरणों में रख लो मुझे
इस पतित का भी उधर हो जाये गा
तेरे दर की गुलामी मेरी आरजू संवरे का भी दीदार हो जाये गा....
लाडली...........
तेरी करुना पे मुझ को बड़ा नाज़ है ......इक नज़र से बेडा पार हो जायेगा ........
श्री राधे करुना मई कहाती है......शरण आये को उर लगाती है
जिसका कोई नहीं ज़माने में.....अपना कह कर उसे बुलाती है....
मेरी श्यमा करुना मई कहाती है..........
करती दोषों को क्षमा ....रखे निज हाथ थमा ......
किरपा दृष्टि की निधि बहती है.......मेरी श्यमा करुना मई कहाती है..........
जिसको ठोकर लगी हो दर दर से .......उसे निज गोद में बिठाती है.....
श्यमा राधे करुना मई कहाती है.
तेरी करुना पे मुझ को बड़ा नाज़ है..... इक नजर से बेडा पार हो जाये गा
स्वामिनी अपने चरणों में रख लो मुझे इस पतित का भी उधर हो जाये गा....................