Tuesday, September 7, 2010

Mridul Krishna Shastriji | Rasik Vani

I was listening to swagatam Krishna sung by Mridul Krishna Shastriji and thought to share these with every one:
स्वागतम कृष्ण, शरणागतम कृष्ण

अभी आता ही होगा सलोना मेरा
हम राह उसी की तका करते हैं
कविता सविता नहीं जानते है
मन में जो आया सो बका करते हैं

पड़ते उनके पद पंकज में
चलते चलते जो थका करते हैं
उनका रस रूप पिया करते हैं
उनकी छवि छाप छका करते हैं

अपने प्रभु को हम ढूँढ लियो
जैसे लाल अमोलक लाखन में
प्रभु के अंग में जितनी नरमी
उतनी नरमी नहीं माखन में

स्वागतम कृष्ण, शरणागतम कृष्ण

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